ईपीएफओ ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर ब्याज दर 0.15% घटा दी है। वित्त वर्ष 2019-20 में ईपीएफ पर 8.50% ब्याज मिलेगा। 2018-19 के लिए यह दर 8.65% थी। ईपीएफ पर ब्याज घटने से 6 करोड़ कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि "ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की गुरुवार को हुई बैठक में ब्याज दर घटाने का फैसला हुआ।" इस फैसले पर श्रम मंत्रालय को वित्त मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी। वित्त मंत्रालय चाहता है कि ईपीएफ की ब्याज दर भी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम जैसी छोटी बचत योजनाओं के बराबर हो।
ईपीएफओ के निवेश पर रिटर्न कम हुआ, इसलिए ब्याज दर घटाई: रिपोर्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईपीएफओ के बाजार में 18 लाख करोड़ रुपए लगे हैं। इनमें से 4,500 करोड़ रुपए का निवेश आर्थिक संकट में फंसी कंपनियों- डीएचएफएल और आईएल एंड एफएस में है। ईपीएफओ 85% राशि डेट (बॉन्ड) मार्केट में जबकि 15% रकम एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के जरिए इक्विटी में लगाता है। अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से ईपीएफओ के निवेश पर रिटर्न कम हुआ है। इसलिए ब्याज दर घटाने का फैसला लिया गया।
पिछले 7 साल में ईपीएफ पर ब्याज दर
वित्त वर्ष | ब्याज |
2018-19 | 8.65% |
2017-18 | 8.55% |
2016-17 | 8.65% |
2015-16 | 8.80% |
2014-15 | 8.75% |
2013-14 | 8.75% |
2012-13 | 8.50% |